हिमाचल प्रदेश में 27 मार्च को ली गई पुलिस आरक्षी परीक्षा को रद्द कर दिया गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि पुलिस आरक्षी की लिखित परीक्षा को कुछ शंकाओं के चलते रद्द कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा के गग्गल पुलिस थाना में आईपीसी की धारा-420 और 120-बी के अन्तर्गत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेंट्रल रेंज मण्डी के पुलिस उप-महानिरीक्षक मधु सूदन की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित कर पूरे मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रथम आईआर वाहिनी के कमांडेंट विमुक्त रंजन, साइबर क्राइम के पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी, कांगड़ा के पुलिस अधीक्षक कुशाल चन्द शर्मा और क्राइम के पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र कालिया एसआईटी टीम के सदस्य हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दस्तावेजों के मूल्यांकन की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से रोक दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भर्ती प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आरक्षी की भर्ती के लिए अगली लिखित परीक्षा इस माह के अन्त में आयोजित की जाएगी ताकि अभ्यार्थियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
गुरूवार को कांगड़ा पुलिस ने पेपर लीक की पुष्टि की थी। एसपी कांगड़ा ने बताया कि पेपर लीक के तार हरियाणा और दिल्ली से जुड़ रहे हैं। इस बात का अंदेशा है कि प्रिंटिंग प्रैस से ही परीक्षा से कुछ दिन पहले पेपर लीक करवाया गया है। कांगड़ा पुलिस ने इस मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने 6 से 8 लाख रूपए में हल किए हुए प्रश्नपत्र खरीदने की बात कही है।
गौर रहे कि पुलिस आरक्षी के 1334 पदों के लिए 27 मार्च को प्रदेश के 81 परीक्षा केंद्रों पर लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। सभी जिलों के तकरीबन 74 हजार युवा इस परीक्षा में बैठे थे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जल्दी ही दोबारा परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी ताकि इन पदों को भरा जा सके।