भानुपल्ली-बिलासपुर की सभी सातों टनल का 35 फीसदी काम पूरा
पहाड़ों पर ट्रेन के सफर का अलग ही मज़ा है। रमणीय दृश्यों, प्राकृतिक सौंदर्य को निहारने का अवसर देने वाला रेल का सफर अब तक आपने फिल्मों या विदेशी ट्रेन सफर की वीडियो में ही देखा होगा। मगर अब आप पंजाब से हिमाचल के बिलासपुर जिले तक ट्रेन से सफर कर पाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा मंजूर भानुपल्ली-लेह रेल लाइन का काम बिलासपुर तक पूरा हो चुका है। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इस रेल लाइन के बनने से चीन सीमा के करीब क्षेत्रों तक पहुंचना आसान होगा और युद्ध का परिस्थितियों में सेना तक युद्ध, खाद्य एवं अन्य सामग्री भी सुगमता से पहुंचाई जा सकेगी। इस परियोजना के चलते प्रदेश में पहली बार ब्रॉडगेज ट्रेन मैदानी इलाकों से पहाड़ों की ऊंचाई को नापेगी।
गौरतलब है कि भानुपल्ली-बिलासपुर रेल परियोजना पर पिछले साल अप्रैल में काम शुरू हुआ था लॉकडाउन में जारी रहा। भानुपल्ली-बिलासपुर रेल लाइन कुल 63 किलोमीटर लंबी है। इसमें 25 किलोमीटर रेलमार्ग टनल से गुजरेगा। परियोजना का 15 फीसदी हिस्सा पंजाब में और बाकी का हिस्सा हिमाचल में आता है। शुरुआत में 20 किलोमीटर रेल मार्ग बनाने का काम चल रहा है। 20 किलोमीटर के दायरे में 7 टनल बनाई जानी हैं। इन सातों टनल को बनाने का काम शुरू हो चुका है। पांच ब्रिज बनाने का काम भी शुरू हो चुका है।
पहले फेज में नयना देवी के नजदीक धरोट स्टेशन तक अगले दो साल में काम किया जाना है। बिलासपुर तक रेल लाइन बिछाने की डेडलाइन 2024 तक है। हालांकि आगे यह रेल लाइन लेह तक जानी है। बिलासपुर तक के इस प्रोजेक्ट पर 6000 करोड़ रुपए खर्च आएगा। यह लाइन भी ब्रॉडगेज है। इस रेलमार्ग पर 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन चलेगी।
भानुपल्ली से बिलासपुर के बीच ढाई घंटे का सफर 45 मिनट में होगा तय
बिलासपुर के भानुपल्ली से जुड़ने से पहाड़ के लोग इस रेललाइन के जरिए देश के किसी भी कौने में ट्रेन से जा सकेंगे। अभी भानुपल्ली से बिलासपुर जाने में करीब ढाई घंटे लगते हैं। लेकिन इस रेलमार्ग के बनने के बाद भानुपल्ली से बिलासपुर पहुंचने में मात्र 45 मिनट का वक्त लगेगा। अभी उन्हें सड़क के रास्ते जाना पड़ता है। उनका वक्त भी काफी जाया होता है। वक्त की वत के साथ रेल का किराया भी बस के मुकाबले किफायती होगा।
पहले फेज में 20 किलोमीटर जमीन एक्वायर हो चुकी है। इसमें 3.5 किलोमीटर रास्ता टनल से होकर गुजरेगा। लोअर हिमाचल में इस रेलमार्ग को बनाने में काफी चुनौतियां हैं। । यहां पर स्पेनिश, ऑस्ट्रिया के इंजीनियर्स की मदद ली जा रही है। तकनीकी सहयोग आईआईटी रुड़की, दिल्ली, और माइनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से लिया जा रहा है।
यह स्टेशन बनेंगे :
1. भानुपल्ली : पंजाब
2. धरोट : हिमाचल
3. थलु : पंजाब
4. पहाड़पुर : पंजाब
5. जगतखाना : हिमाचल
6. बिलासपुर : हिमाचल
7. बरमाणा : हिमाचल
भानुपल्ली-बिलासपुर प्रोजेक्ट का 2012 में शुरू हुआ सर्वे
पहले फेज में रेल बरमाणा तक जाएगी , यहां से मंडी 40 किलोमीटर की दूरी है, जो अगले फेज में शुरू होगा। भनुपली-बिलासपुर प्रोजेक्ट पर 6 हजार करोड़ रुपए लागत आएगी।