प्राकृतिक खेती के तहत इस साल 50 हजार एकड़ अतिरिक्त कृषि भूमि के तहत लाया जाएगा और 100 गांवों को प्राकृतिक खेती गांव घोषित किया जाएगा। प्रदेश में प्राकृतिक खेती की गतिविधियों को जानने के लिए शुक्रवार को कृषि सचिव राकेश कंवर ने समीक्षा बैठक की। इस दौरान कृषि सचिव ने सभी जिलों के परियोजना निदेशकों (आतमा) से उनके जिले में चल रही गतिविधियों के बारे में जानकारी ली। साथ ही योजना के अधीन तय किए गए लक्ष्यों की किस तरह पूरा किया जाएगा इसके बारे में विस्तृत कार्ययोजना पर चर्चा की।
कृषि सचिव ने सभी परियोजना निदेशकों को आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान लगने वाली आदर्श आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए समय रहते अगले तीन माह के लिए प्रशिक्षण का शेड्यूल इसी सप्ताह तैयार करवाकर उसकी अनुमति लेने के निर्देश दिए। कृषि सचिव ने कृषि विभाग के सभी फार्मों में प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए।
प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक और मार्केटिंग बोर्ड के प्रबंध निदेशक नरेश ठाकुर ने सभी अधिकारियों को प्राकृतिक खेती उत्पादों को बाजार मुहैया करवाने के प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के जो 100 आदर्श गांव स्थापित किए जा रहे हैं उनमें प्राकृतिक खेती के अलावा सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे।
बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट की ओर से वर्ष 2023 को मोटे अनाजों का वर्ष मनाने की तैयारियों के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई। मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से एक कार्यदल का गठन किया गया है। कृषि विभाग की योजनाओं की इस समीक्षा बैठक में कृषि सचिव, कृषि निदेशक, संयुक्त कृषि निदेशक, प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना से संबंधित अधिकारी और सभी जिलों के उप निदेशक भी मौजूद रहे ।