लम्पी चर्म रोग का कहर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है और हिमाचल प्रदेश में इसका उग्र रूप देखने को मिल रहा है। अभी तक प्रदेश में 18,256 पशु संक्रमित हो चुके हैं और इस भयावह रोग से 513 पशुओं की जान जा चुकी है। गौर रहे कि पिछले माह ही इस रोग का पहला मामला शिमला जिला में देखने को मिला था और एक माह के भीतर ही इससे प्रभावित होने वाले पशुओं का आंकड़ा बड़ी तेजी से बढ़ता जा रहा है। जिससे पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है। शुक्रवार को ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य पालन मंत्री वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि पशुधन में लम्पी चर्म रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक लगभग 50 हजार पशुओं का टीकाकरण पूर्ण कर लिया गया है।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस रोग की रोकथाम के लिए पशुपालन विभाग को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रोग को नियंत्रित करने के लिए कन्टेनमेंट जोन स्थापित किए गए हैं और रोग से ग्रसित पशुधन को अलग कर इस रोग को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के माध्यम से प्रचुर मात्रा में दवाएं इत्यादि उपलब्ध करवाई गई हैं। उन्होंने कहा कि विभाग के पास वर्तमान में टीके की 1,19,591 खुराकें उपलब्ध हैं और आवश्यकता पड़ने पर खुले बाजार से भी दवा अथवा टीका खरीदने के निर्देश दिए गए हैं।
वीरेन्द्र कंवर ने कहा कि प्रदेश में अभी तक लम्पी चर्म रोग से ग्रसित 5,630 पशु स्वस्थ हो चुके हैं और गत दिवस तक राज्य में 18,256 सक्रिय मामले थे। उन्होंने कहा कि अभी तक इस रोग से ग्रसित 513 पशुधन की क्षति की सूचना है। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग इस रोग की रोकथाम के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य कर रहा है।
पशुपालन मंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्य से इस रोग का पहला मामला सामने आने के उपरान्त प्रदेश सरकार ने तत्काल इससे बचाव के सम्बन्ध में आवश्यक परामर्श एवं दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे। विभागीय अधिकारियों को निरन्तर निगरानी करने और दैनिक आधार पर इसकी रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने पशुपालकों से आग्रह किया है कि वे इस रोग की रोकथाम में विभाग को सहयोग करें और किसी भी प्रकार की शंका इत्यादि के निवारण के लिए नजदीकी पशु चिकित्सा केन्द्र में सम्पर्क कर सकते हैं।
हिमाचल में लम्पी चर्म रोग का कहर, 18 हजार पशु संक्रमित, 513 की मौत
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